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मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के क्रियान्वयन पर उरेडा मुख्यालय में दर्ज कराई गई आपत्ति और दिए गए सुझाव…
उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण में आयोजित बैठक में उत्तराखंड के सभी जनपदों से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत पूरे द्वारा सुझाव आमंत्रण को लेकर आयोजित बैठक में सम्मिलित सोलर उद्यमी एवं फर्म स्वामी ने उत्तरांचल अक्षय विकास अभिकरण के द्वारा कार्य योजना को धरातल पर क्रियान्वयन को लेकर जो टेंडर डॉक्युमेंट के संबंध में प्रकाशित किया था उस पर उत्तराखंड के सभी जनपदों से आए फर्म स्वामी एवं सौर ऊर्जा स्वारोजगारियों के द्वारा अपने अपने विरोध को लेकर योजना के क्रियान्वयन में उरेडा पर सीधे बड़ी कंपनियों के साथ सांठगांठ को लेकर मिलीभगत का आरोप लगाया
आपको बताएं की 13 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के सभी जनपदों में 25, 50, 100 ,और 200 किलो वाट के सोलर पावर प्लांट का प्रत्यारोपण किया जाना प्रस्तावित कर, उत्तराखंड अक्षय विकास अभिकरण को कार्य योजना को धरातल पर क्रियान्वयन कराने हेतु कार्य योजना नियोजित कर कार्य करवाया जाना सुनिश्चित था , किंतु उरेडा के द्वारा जब टेंडर डॉक्युमेंट को प्रकाशित किया गया तो उत्तराखंड में सभी सौर ऊर्जा स्वरोजगारी उधमी प्रकाशित टेंडर डॉक्युमेंट दी गई शर्तें और नियम को लेकर इस तरह से आहत हुए की जैसे कोई पहाड़ टूट पड़ा हो ,
उत्तराखंड में अधिकतर कम्पनीज पहाड़ के युवा उधमियों के द्वारा संचालित की जा रही हैं और लगभग सभी युवा उधमी उच्च शिक्षा प्राप्त करके अपने लाखों का पैकेज छोड़ कर माननीय प्रधानमत्री के स्वरोजगार अपनाओ मिशन के तहत विचारों से प्रभावित होकर उत्तरखंड में वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में स्वरोजगार अपना कर अपने पहाड़ के साथियों को भी रोजगार देने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं लेकिन ठीक इसके विपरीत उत्तराखंड अक्षय विकास अभिकरण के द्वारा जिस कार्य योजना का धरातल पर कार्य करने हेतु रणनीति का नियोजन किया गया है वह सब ठीक विपरीत है ताकि उत्तराखंड का युवा इस स्वरोजगार योजना के अंतर्गत प्रतिभाग कर एक सौर ऊर्जा उद्यमी के रूप में कार्य नहीं कर सके
उत्तराखंड का शिक्षित सौर ऊर्जा उद्यमी कभी इन मानकों के तहत सौर संयंत्रों की स्थापना अथवा सोलर पावर प्लांट का प्रत्यारोपण करवा ही ना सके जिसका एक ही संदेश सबको मिल रहा था कि उरेडा के द्वारा बड़ी-बड़ी कंपनियों एवं फार्म स्वामियों को सीधे लाभ पहुंचाकर मिलीभगत की साजिश प्रतीत होने लगी
उत्तराखंड सौर ऊर्जा विकास अभिकरण अभिकरण के द्वारा टेंडर डॉक्युमेंट में जो नियमावली एवं शर्तों के साथ सौर ऊर्जा रोजगारी के लिए जो मानक निर्धारित किए गए थे वह सब निम्न प्रकार से हैं
- जो भी सौर ऊर्जा उद्यमी एवं फर्म स्वामी टेंडर डॉक्युमेंट को लेकर आवेदन करेगा उसके लिए वर्ष 2021 और 20 22 में टर्न ओवर की क्षमता 2 करोड़ रुपए रखी गई है इस विषय को लेकर फर्म स्वामी और सौर ऊर्जा उद्यमियों के द्वारा वर्ष 2020 और 21 में कोरोना महामारी के चलते पूरे भारतवर्ष में सभी प्रकार की फर्मों /उधमियों के व्यवसाय में बहुत असर पड़ा है , कार्य ठप होने की वजह से टर्न ओवर का मानक पूर्ण नहीं करने का हवाला देकर लिखित टिप्पणियां प्रेषित की गई
- मुख्यमंत्री सोलर स्वरोजगार योजना हेतु सोलर रूफटॉप फेज 1 और 2 के लिए उत्तराखंड में स्थापित MSME रजिस्टर्ड कंपनी / फर्म को कार्य करने का मौका मिला है उसकी तर्ज पर सभी युवा उद्यमियों को भी इस योजना का लाभ मिले जिससे अधिक से अधिक संख्या में युवा उद्यमी बाजार में आएंगे जिसकी मध्य कंपनी के बीच उत्तम प्रतिद्वंदिता की होड़ निरंतर बनी रहेगी,
- उत्तराखंड में स्थापित MSME रजिस्टर्ड कंपनी / फर्म को कार्य करने के लिए 1000 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट प्रत्यारोपण का जो मानक निर्धारित किया गया है उसके अनुसार उत्तराखंड के अधिकतर उधमीयों के सपनों पर अंकुश लग जाएगा और सोलर पावर प्लांट प्रत्यारोपण में अधिकतर उत्तराखंड के युवा उद्यमी एवं फर्म स्वामी /युवा उधमी क्वालिफिकेशन करने से बाहर हो जायेंगे
- उद्यमियों के द्वारा सुझाव दिया गया उत्तराखंड के प्रतीक्षा में सभी स्वरोजगार यो को 50 किलो वाट तक के सोलर पावर प्लांट लगाने का अनुभव पर्याप्त है
- परफॉरमेंस बैंक गॅरंटी का नियम EPC कम्पनीज पर एक फाइनेंसियल बोझ देगा क्योंकि टेंडर की शर्तों में आपके द्वारा सुरुवात में ही 10 लाख की EMD जमा की जा रही है जोकि एक भारी भरकम मात्रा है! अतः आपसे निवेदन है की PBG की धनराशि को भी EMD से ही समायोजित किया जाय।
- बैंक गारंटी के तौर पर उरेडा के द्वारा स्वरोजगार यू से ₹10 लाख की जमानत धरोहर राशि जमा किया जाना सुनिश्चित किया गया है जिसका कोई औचित्य नहीं बनता क्योंकि स्वरोजगारी उधमी स्वयं का धन व्यय कर सोलर पावर प्लांट की स्थापना करेगा जिसमें उरेडा के द्वारा इतनी भारी-भरकम धनराशि को जमानत के रूप में 2 साल के रखना न्यायोचित नहीं है जबकि ठीक इसके विपरीत वित्तीय जोखिम को लेकर उधमी के कार्यक्षेत्र में यदि कोई पेमेंट प्राप्त नहीं होती है तो उसके लिए जिम्मेदारी लेने के लिए उरेडा अपना पल्लू झाड़ रहा है
- वर्ष 2019- 20 मई मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत पूरे उत्तराखंड में 25 किलो वाट के सोलर पावर प्लांट ओं की स्थापना की जानी सुनिश्चित हुई थी किंतु उरेडा के द्वारा कार्य योजना के क्रियान्वयन को लेकर जो रणनीति रूपरेखा तैयार कर प्रकाशित की गई थी उसके तहत उत्तराखंड में सभी सौर उद्यमियों के द्वारा किसी भी प्रकार से प्रतिभाग नहीं किया गया और ना ही 25 किलो वाट के सोलर पावर प्लांट के लिए बैंक के द्वारा निर्धारित 10 लाख रुपए की धनराशि का ऋण नहीं दिया गया, जिसकी वजह से उस योजना पर भी उरेडा के द्वारा मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना पर पलीता लगाया गयाऔर यह योजना धरातल पर उतरने से पहले ही अधर में लटक गई

Author: News Aap Tak
Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)