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बीजेपी नेता रविंद्र जुगराण ने पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर लगाए गंभीर आरोप,मुकदमा दर्ज, सीएम धामी और मंत्री सुबोध उनियाल का आभार जताया है

खबर आपतक उत्तराखंड

  • उन्होंने कहा उत्तराखंड शासन ने इन 10 वर्षों में अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन नहीं किया. उत्तराखंड शासन के अधिकारी देख जरूर रहे थे, लेकिन मूकदर्शक बने रहे. अब मुख्यमंत्री और वन मंत्री ने इसका संज्ञान लिया है
  • उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर पूर्व डीजीपी के खिलाफ 10 वर्ष बाद मुकदमा दर्ज किए जाने पर विलंब क्यों किया गया. क्योंकि इस स्टेट के रक्षक बने डीजीपी इतने वर्षों तक भक्षक बने हुए बैठे थे.

 

भाजपा नेता रविंद्र जुगरान  ने पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू  समेत आठ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने पर सीएम धामी और मंत्री सुबोध उनियाल का आभार जताया है. साथ ही उन्होंने बीएस सिद्धू पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं.

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू  समेत आठ लोगों के खिलाफ रिजर्व वन भूमि पर कब्जा करने और उस पर लगे साल के पेड़ कटवाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसको लेकर भाजपा नेता रविंद्र जुगरान  ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी  और वन मंत्री सुबोध उनियाल का आभार व्यक्त किया है. इस दौरान उन्होंने पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

उन्होंने कहा यह 10 वर्ष पहले का प्रकरण है और अगर इस प्रकरण का संज्ञान लेकर सरकार ने जो त्वरित कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया है. इसके लिए सरकार धन्यवाद की पात्र है. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर पूर्व डीजीपी के खिलाफ 10 वर्ष बाद मुकदमा दर्ज किए जाने पर विलंब क्यों किया गया. क्योंकि इस स्टेट के रक्षक बने डीजीपी इतने वर्षों तक भक्षक बने हुए बैठे थे.
रविंद्र जुगरान ने कहा कि बीएस सिद्धू दिन दोपहरी में आरक्षित वन क्षेत्र की 9 बीघा जमीन कब्जा कर लिया और 25 साल के पेड़ कटवा डाले. उसके बावजूद उन पर मुकदमा कायम नहीं हो पाया. उन्होंने यह सब अवैध तरीके से किया. उन्होंने कहा कि तत्कालीन अधिकारियों ने हमारी बात की पुष्टि करते हुए इस आशय की एक आख्या संस्तुति सहित प्रेषित की थी कि बीएस सिद्धू के प्रकरण की जांच उच्च स्तरीय और स्वतंत्र एजेंसी से कराना उचित होगा, इसके बावजूद तत्कालीन शासन बीएस सिद्धू को संरक्षण प्राप्त करने की नीति पर ही चलता रहा था.
उन्होंने कहा उत्तराखंड शासन ने इन 10 वर्षों में अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन नहीं किया. उत्तराखंड शासन के अधिकारी देख जरूर रहे थे, लेकिन मूकदर्शक बने रहे. अब मुख्यमंत्री और वन मंत्री ने इसका संज्ञान लिया है और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने आरोप लगाए कि पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड, जो रेलवे सुरक्षा बल मुंबई में मुख्य सुरक्षा आयुक्त के पद पर प्रतिनियुक्ति पर थे. उन्होंने वर्ष 2011 से अपना योगदान उत्तराखंड में देना शुरू किया था. जुगरान ने उस समय सिद्धू की पिछली नियुक्ति रेलवे में प्रतिनियुक्ति पर रहने के दौरान सीबीआई की ओर से आय के ज्ञात स्रोतों से 145 % संपत्ति अधिक होने के आरोप भी लगाए हैं.

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Author: News Aap Tak

Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)

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