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देहरादून वासियों के साथ उत्तराखंड के लिए अच्छी खबर, अस्पताल में मरीजों को जल्द मिलेगी किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा…!

खबर आपतक उत्तराखंड

अब देहरादून के साथ- साथ उत्तराखंड वासियों को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अन्य राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा.

  •  दून मेडिकल कॉलेज  में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा जल्द मिलने वाली है. जिससे अब मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अन्य राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा.
  • भोपाल एम्स में पोस्टेड रहे डॉक्टर मनोज यूरोलॉजिस्ट ने देहरादून मेडिकल कॉलेज में ज्वाइनिंग दी गई है. जिसके बाद यह उम्मीद की जा रही थी अगले 6 माह के भीतर दून मेडिकल कॉलेज  में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा मरीजों को मिलने लग जाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड के निवासियों को अक्सर किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अन्य राज्यों के अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता था. लेकिन अब भोपाल एम्स में पोस्टेड रहे डॉक्टर मनोज यूरोलॉजिस्ट ने देहरादून मेडिकल कॉलेज में ज्वाइनिंग दी गई है. जिसके बाद यह उम्मीद की जा रही थी अगले 6 माह के भीतर दून मेडिकल कॉलेज  में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा मरीजों को मिलने लग जाएगी.

दून अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रोफेसर युसूफ रिजवी के अनुसार यूरोलॉजी एक ऐसी स्पेशलिटी होती है, जो जल्दी अवेलेबल नहीं होती है और यह सर्जरी से संबंधित होती है. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन का प्रयास रहेगा कि अगले 6 माह के भीतर किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा (Kidney transplant facility will be available soon) मरीजों को मिलने लग जाए. इधर, राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम करने को लेकर शुक्रवार को दून मेडिकल कॉलेज में स्किल सेंटर में ट्रॉमा एंड एक्यूट केयर पर एक कार्यशाला का आयोजन होने जा रहा है. इसके तहत मेडिकल कॉलेज परिसर में शॉक थैरेपी के प्रति डॉक्टरों को जागरूक और प्रशिक्षित किया जाएगा.

गौरतलब है कि वर्तमान में देश भर में सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की दर लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में उत्तराखंड में भी सड़क दुर्घटनाओं, आपदा के दौरान घायल हो चुके लोगों का सफल और समय पर इलाज हो सके उसके लिए दून चिकित्सालय के प्रशिक्षु चिकित्सकों को ऐसी मुश्किल परिस्थितियों में निपटने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि आम जनमानस को इन दुर्घटनाओं की मुश्किल परिस्थितियों से निपटने की जानकारी और प्रशिक्षण मिल जाए. इससे आकस्मिक मृत्यु दर और विकलांगता को कम किया जा सकेगा.

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Author: News Aap Tak

Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)

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