न्यूज़ आपतक उत्तराखंड
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पीकर ऋतु खंडूरी से निष्पक्ष जांच कराने की सिफारिश की है.
- तत्कालीन विधानसभा स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने बीते साल विधानसभा में कई मंत्रियों, बीजेपी नेताओं समेत आरएसएस के कुछ पदाधिकारियों के रिश्तेदारों को नौकरी दे दी.
- विभागीय मंत्री धन सिंह रावत के पीआरओ उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में बीजेपी और संघ से जुड़े कई अभ्यर्थी या उनके रिश्तेदार नौकरी पा गए
- अरविंद पांडे पर आरोप है कि उन्होंने अपने आठ रिश्तेदारों को गवर्नमेंट ऐडेड प्राइवेट कॉलेजों में फिट करवाया.
- रेखा आर्या का नाम भी इस विवाद में आ चुका है. उन्होंने उत्तरकाशी के चार लोगों की सिफारिश 2020 में मत्स्य पालन विभाग में नौकरी के लिए की थी, जिसकी एक चिट्ठी वायरल हुई थी
विधानसभा में बैकडोर भर्तियों का मामला…!
एसआईटी पेपर लीक मामले में अभी तक 33 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और केस लगभग समाप्ति की ओर है. इसी बीच कांग्रेस एक लिस्ट लेकर आई. आरोप लगा कि तत्कालीन विधानसभा स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने बीते साल विधानसभा में कई मंत्रियों, बीजेपी नेताओं समेत आरएसएस के कुछ पदाधिकारियों के रिश्तेदारों को नौकरी दे दी. बदले में बीजेपी भी एक लिस्ट लेकर हाजिर हुई जिसमें बताया गया कि कांग्रेस के शासनकाल में स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी कई लोगों को एंट्री दिलाई जिसमें उनके परिवार के ही 8 लोग शामिल हैं.
उत्तराखंड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी UKSSSC के बीते साल दिसंबर में एक परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले से शुरू हुई कहानी अब नई बहस की और मुड़ गई है. सोशल मीडिया और आम लोगों के बीच चर्चा का मुद्दा है कि 22 साल के राज्य में क्या सरकारी नौकरियों में राजनीतिक हस्तक्षेप और भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा है. ताजा मामला उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी और बीजेपी सरकार में शिक्षा मंत्री रहे अरविंद पांडे के साथ जुड़कर आ रहा है. पांडे पर आरोप है कि उन्होंने अपने आठ रिश्तेदारों को गवर्नमेंट ऐडेड प्राइवेट कॉलेजों में फिट करवाया.
कांग्रेस का आरोप है कि बीते सालों में उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में बीजेपी और संघ से जुड़े कई अभ्यर्थी या उनके रिश्तेदार नौकरी पा गए. विभागीय मंत्री धन सिंह रावत के पीआरओ भी इसी यूनिवर्सिटी में खपा दिए गए. इसको लेकर सोशल मीडिया में बाकायदा की लिस्ट भी तैर रही है. पूछने पर मंत्री धनसिंह रावत ने न्यूज़ 18 से कहा कि उनके संज्ञान में भी लिस्ट आई है और वह अपने स्तर से जानकारी जुटा रहे हैं. इधर, पूर्व मंत्री पांडे से संपर्क करने पर उनके स्टाफ ने कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है, लिहाजा वो बात नहीं कर सकते.
नौकरियों में जुगाड़बाजी और सिफारिश…!
क्या उत्तराखंड में सरकारी नौकरियां सिफारिश में दी जाती है? ये चर्चा इसलिए भी शुरू हुई क्योंकि जिस तरह हाल ही विधानसभा सचिवालय में एक दो नहीं बल्कि कई सौ नौकरियों में नेताओं और अफसरों के जुगाड़बाजी और सिफारिश के प्रूफ मिले, उससे राज्य के दोनों प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस निशाने पर हैं. जुलाई में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जब एसआईटी को UKSSSC की जांच सौंपी, तब शायद ही किसी को अंदाजा होगा कि मामला अगले कुछ दिनों में कुछ और ही रुख ले लेगा-
दिल्ली तक पहुंच चुकी है बात…!
मजेदार बात यह है कि दोनों ही पूर्व स्पीकर ने पूछे जाने पर इस बात को साफगोई से माना कि उन्होंने नौकरी देने में अपना-पराया देखा. पूरे मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पीकर ऋतु खंडूरी से निष्पक्ष जांच कराने की सिफारिश की है. गेंद स्पीकर के पाले में है. वह कह चुकी हैं कि लीगल ओपिनियन लेकर जल्द एक्शन लेंगी. मौजूदा कैबिनेट मंत्री और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भी दिल्ली तलब किए गए हैं, और बीजेपी के उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम समेत आलाकमान के कुछ और नेता इन भर्तियों को लेकर उनसे बातचीत कर रहे हैं.
गौरतलब है कि बीजेपी सरकार में लगातार दूसरी बार मंत्री पद संभालने वाली रेखा आर्या का नाम भी इस विवाद में आ चुका है. उन्होंने उत्तरकाशी के चार लोगों की सिफारिश 2020 में मत्स्य पालन विभाग में नौकरी के लिए की थी, जिसकी एक चिट्ठी वायरल हुई थी. हालांकि उन्होंने कहा था कि इस तरह के पत्र भेजना जनप्रतिनिधि के लिए सामान्य बात है. फिर भी, इस वायरल पत्र को उत्तराखंड में नेताओं की सिफारिशों से हो रही गड़बड़ भर्तियों के मामले में ही देखा जा रहा है.

Author: News Aap Tak
Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)