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यमुनोत्री धाम में तैनात सभी पशु चिकित्साधिकारी अधिकारियों को घोड़े-खच्चरों की जांच करने के निर्देश
घोड़े-खच्चरों की मौत के पीछे की वजह Colic (उदर शूल) बताई
तीन मई से शुरू हुई केदारनाथ तथा यमुनोत्री धाम से लगातार खच्चरों की मौत हो रही है। केदारनाथ धाम में खच्चरों की मौत पर राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। अभी तक चारधाम यात्रा में करीब 100 घोड़े-खच्चऱ की मौत हो गई है। वहीं यमुनोत्री धाम में 11 खच्चरों की मौत हो गई है।
मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी उत्तरकाशी डॉ. भारत दत्त ढौंडियाल द्वारा जानकीचट्टी में जाकर विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया गया और वहां तैनात सभी पशु चिकित्साधिकारी अधिकारियों को घोड़े-खच्चरों की जांच करने के निर्देश दिए। मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी ने खच्चरों का पंजीकरण, बीमा एवं स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करना जैसे अति महत्वपूर्ण कार्य को करने के निर्देश दिए और पशु स्वामी से भी बातचीत की। मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यमुनोत्री धाम में लगभग 950 पशुओं का बीमा करवाया और अभी तक धाम में 11 घोड़े-खच्चरों की मौत हो गई। धाम में खच्चरों की मौत के पीछे की वजह Colic (उदर शूल) बताई गई।
धाम में तैनात डॉ अनमोल नौटियाल ने कहा कि प्रतिदिन 8 से 10 खच्चर में Colic (उदर शूल) के केस आ रहे हैं। जिसमें एक प्रतिशत खच्चर की मृत्यु हो जाती है। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग उत्तरकाशी पशुपालकों को जागरूक करने के लिए लगातार जागरूकता कैंप लगा रहा है, और कैंप के माध्यम से पशुपालकों के मौके पर ही बीमा करवाए जा रहे हैं। इस दौरान डॉ. अनमोल नौटियाल,डॉ. अंकित सिंह, डॉक्टर दीपक मेहरा, पुष्पेंद्र सिंह, कैलाश चौहान प्रदीप, अनुज मिश्रा, विनीत कुमार, जगजीवन आदि उपस्थित रहे।

Author: News Aap Tak
Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)