न्यूज़ आपतक उत्तराखंड
यात्रा पूरे छः महीने खुली रहेगी, अतः आप से निवेदन है कि आप थोड़ा रुक कर जुलाई अगस्त, सिंतबर में यात्रा करें।
केदारग्राम एक बेहद छोटा सा गांव है जिसकी कुल क्षमता 10000 लोग एक बार मे झेलने की है।
वहां अधिकतम एक रात में 10000 लोगों के रुकने की व्यवस्था है इतने ही लोगों के भोजन की व्यवस्था हो सकती है।
लेकिन 6 मई को कपाट खुलने के पहले दिन ही सुबह गौरीकुंड तक 20000 लोग पहुंच गए ।
इस भीड़ को प्रशासन को नियंत्रित करने में पसीना आ गया।और लोगो को गौरीकुंड में ही रोक दिया गया।
कल 7 मई की रात को केदारग्राम की हालत ये थी कि एक भी होटल, गेस्टहाउस, धर्मशाला में एक भी कमरा नही था।
छोटे छोटे होटल्स के कमरे 12000 रुपये / रूम पर नाईट तक मे बिक गए।
लोग खुले आसमान के नीचे 2℃ में अलाव के भरोसे सोए और खाने का कुछ तो पता ही नही।
कल को किसी के साथ कुछ उन्नीस बीस बात हो जाये तो यही भीड़ उत्तराखंड पुलिस, उत्तराखंड सरकार को कोसेगी कि ये देखो जी हम मर रहे थे इन्होंने कुछ ना किया।
जबकि उत्तराखण्ड सरकार ने आपको मई जून में ही आने के लिए इनवाइट नही किया है
आप अपनी जिद्द अपनी मर्ज़ी से गए हो लेकिन कुछ बात हो जाएगी तो कोसोगे आप सरकार को…
अब तो पूरी दुनिया को पता है कि पारिस्थितिक रूप से ये बहुत नाजुक इलाका है,
2013 के वो 48 घंटे कोई भुला नही होगा।
ये बात लोग क्यों नही समझ रहे
ये समझ नही आ रहा कि सबको कपाट खुलते ही 5 किलोमीटर की लाइन लगा के ही दर्शन क्यों करने है
जबकि दर्शन 6 महीने खुले है।
क्या दो महीने बाद बाबा केदार वहां नही रहेंगे
या सितम्बर में बाबा के दर्शन करेंगे तो पुण्य नही मिलेगा….
अक्टूबर में आपको वहां हज़ार लोग भी नही मिलेंगे तब आपको दर्शन क्यों नही करने हैं।
अभी ना होटल मिल रही ना टैक्सी
ना हेलीकॉप्टर…लेकिन जाना सबको मई जून में ही है।
मई जून में ही केदारनाथ बद्रीनाथ जाऊंगा ये ज़िद्द बहुत भारी पड़ सकती है, बहुत भारी …
हाथ जोड़कर निवेदन है मान जाइये…
वरना 2013 की तरह फिर भोले त्रिनेत्र खोल देंगे तो झेल नही पाओगे…

Author: News Aap Tak
Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)