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यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया (3 मई) को श्रदालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे,
उत्तराखंड में तीन मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा में सरकार द्वारा श्रदालुओं की संख्या मानक तय कर दिए हैं। जिसमें यमुनोत्री धाम में मात्र 4000 श्रदालुओं को प्रतिदिन दर्शन की अनुमति दी गई है। जिसके विरोध में यमुनोत्री धाम में पुरोहित और व्यापार मंडल ने आक्रोश जताया।
गौरतलब है कि यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया (3 मई) को श्रदालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे, वहीं बदरीनाथ धाम के कपाट आठ मई और केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई को खोले जाएंगे। बीते दो वर्षों से ठप पड़ी यात्रा के इस वर्ष बिना किसी प्रतिबंध के चलने से व्यापारियों के चेहरे पर रौनक थी लेकिन शनिवार को राज्य सरकार ने भौगोलिक परिस्थितियो, धामों में श्रद्धालुओं की दर्शन क्षमता और मंदिर परिसरों की क्षमता को देखते हुए प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रदालुओं की निर्धारित संख्या तय कर शासनादेश जारी कर दिया। जिसके अनुसार
1.बदरीनाथ धाम में 15 हजार,
2.केदारनाथ के लिए 12 हजार,
3.गंगोत्री के लिए 7 हजार
4.तथा यमुनोत्री के लिए चार हजार श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन कर सकेंगे।
यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित और व्यापार मंडल इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और सरकार के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताया। व्यापार मंडल के सदस्यों ने कहा कि दो वर्षों से लोग अपने घरों में बेरोजगार बैठे हैं, और इस वर्ष यात्रा के सुचारू चलने की आस में बैठे हुए हैं। ऐसे में सरकार का श्रदालुओं की संख्या निर्धारित कर व्यापारियों के साथ ठगी कर रही है। मामले पर गिरीश उनियाल, तीर्थ पुरोहित यमुनोत्री धाम अनुज उनियाल, महाबीर पँवार माही अध्यक्ष यमुनोत्री व्यापार मंडल, मनोज चौहान, आलेन्द्र पँवार, प्रवेश उनियाल, धर्म सिंह चौहान सहित समस्त व्यापारियों ने यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की सीमित संख्या का विरोध किया।

Author: News Aap Tak
Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)