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सही सूचनाओं के अभाव में लोग हेली सेवा की ऑनलाइन बुकिंग करवाते हैं तो उलझ जाते हैं एक फर्ज़ी वेबसाइट के जाल में ,
चार धाम यात्रा : केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा की ऑनलाइन बुकिंग का पहला स्लॉट फुल हो चुका है. दूसरे स्लॉट की बुकिंग 20 मई के आसपास शुरू होगी. ऐसी सही सूचनाओं के अभाव में लोग बुकिंग करवाते हैं तो एक फर्ज़ी वेबसाइट के जाल में उलझ जाते हैं. देखें ये कौन सी साइट है और कैसे फ्रॉड करती है. आप सावधान रहें.
देहरादून. श्रद्धालुओं को इंतज़ार है कि उन्हें अपने इष्ट देवों के दर्शन हों, कारोबारियों को इंतज़ार है कि पर्यटन से उनका व्यवसाय फले फूले तो इधर जालसाज़ों को भी चार धाम यात्रा का बेसब्री से इंतज़ार है ताकि वो भी किसी की जेब पर हाथ साफ कर सकें. केदारनाथ धाम के लिए उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर सेवा के लिए आप ऑनलाइन बुकिंग करने जा रहे हैं तो ज़रा होशियार रहें. उत्तराखंड ही नहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ जैसे देश भर के राज्यों के लोग इस तरह की बुकिंग कराने के चक्कर में हज़ारों की रकम गंवा रहे हैं.
पहले आपको मुंबई में करीब एक हफ्ते पहले हुए फ्रॉड का केस बताते हैं. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक ठाणे कॉलेज में प्रोफेसर और पनवेल निवासी 53 वर्षीय धनंजय राख ने ऑनलाइन फ्रॉड की एक शिकायत दर्ज करवाई. शिकायत के मुताबिक उन्होंने जब सिरसी से केदारनाथ के लिए हेली सेवा के 17 टिकट बुक करने चाहे तो इंटरनेट से उन्हें एक वेबसाइट का लिंक मिला और यहीं से फ्रॉड की कहानी शुरू हुई. इस केस को आगे विस्तार से बताएंगे, पहले जानिए कि उत्तराखंड में क्या एक्शन हो रहा है.
उत्तराखंड पुलिस के पास आधा दर्जन केस उत्तराखंड पुलिस के पास ऐसे करीब आधे दर्जन से ज्यादा मामले हैं, जिनमें हेली सर्विस के नाम पर ठगी हुई है. ताज़ा मामला ‘हिमालयन हेली सर्विस’ नाम की फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी का है. करीब 30 हजार रुपये का फ्रॉड झेलने वाले एक पीड़ित ने इस वेबसाइट के खिलाफ शिकायत साइबर थाने देहरादून में की. डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि पुलिस कार्रवाई कर रही है. कुमार ने अपील करते हुए कहा कि बुकिंग करने से पहले वेबसाइट की प्रामाणिकता परख लें. सतर्क रहें. इस तरह के फ्रॉड को लेकर
कैसे बुकिंग के नाम पर लगाया चूना? मुंबई में फ्रॉड केस से जुड़ी इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें तो राख ने केदारनाथ की हेली सेवा संबंधी सर्च गूगल पर की तो उन्हें ‘हिमालयन हेली सर्विसेज़’ का वेबपेज मिला. यहां आकाश सिंह का नंबर था, जिसने लौटाबाट किराया प्रति व्यक्ति 4860 रुपये बताया और वॉट्सएप नंबर पर हर पैसेंजर के आधार कार्ड की फोटो कॉपियां मंगवाईं. इसके बाद सिंह ने अलग अलग बैंक अकाउंटों में रकम ट्रांसफर करवाई. बैंक अकाउंट ‘हिमालयन हेली सर्विसेज़’ के नाम पर था.
जब सिंह ने दो बार रकम ट्रांसफर किए जाने के बाद ट्रांज़ैक्शन फेल होने की बात कहकर पेमेंट रिसीव न होने की बात कही, तब राख को शक हुआ. राख के कहने पर सिंह ने कोई बुकिंग टिकट भी नहीं भेजा. उन्होंने देहरादून में अपने दोस्त से बात की, तो उसने बताया कि हेली सर्विस की बुकिंग नहीं हो रही है. इसके बाद राख ने पुलिस में जालसाज़ी की शिकायत दर्ज करवाई.
छत्तीसगढ़ में भी हुई ऐसी धोखाधड़ी!
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में ‘हिमालयन हेलीकाप्टर सर्विस’ की वेबसाइट के ज़रिये छत्तीसगढ़ के कांकेर के एक होटल व्यवसायी के साथ इसी तरह का फ्रॉड होने की खबर थी. उस शिकायतकर्ता ने बताया था कि वेबसाइट पर बुकिंग विकल्प क्लिक करने पर तत्काल फोन आया था. बातचीत के बाद चार टिकटों के हिसाब से 23,600 रुपये का पेमेंट हुआ लेकिन टिकट नहीं आए. पेमेंट के बाद से ही नंबर बंद हो चुका था.

Author: News Aap Tak
Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)