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प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के ऐलान, कांग्रेस में अंदरूनी घमासान ,
विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद उत्तराखंड कांग्रेस ने पूरे संगठन को ही बदल दिया है. प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के ऐलान के बाद से ही कांग्रेस में अंदरूनी घमासान मचा है. पार्टी टूटने की भी खबरें आम हो रही हैं. पार्टी आलाकमान ने रानीखेत के पूर्व विधायक और राजपूत नेता करन माहरा को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, जबकि नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी वरिष्ठतम विधायक और दलित समुदाय से आने वाले यशपाल आर्य को दी गई है.
देहरादून. उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के ऐलान के बाद से ही कांग्रेस में उबाल देखने को मिल रहा है. पार्टी आलाकमान ने रानीखेत के पूर्व विधायक और राजपूत नेता करन माहरा को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, जबकि नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी वरिष्ठतम विधायक और दलित समुदाय से आने वाले यशपाल आर्य को दी गई है. उप नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी खटीमा से विधायक और ब्राह्मण समुदाय से आने वाले भुवन कापड़ी को दी गई है, लेकिन इन तीनों को जिम्मेदारी मिलने के बाद कई विधायक और पार्टी नेता नाराज बताए जा रहे हैं.
नाराज नेताओं सबसे बड़ा नाम है पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे प्रीतम सिंह का है जिन्होंने साफ तौर पर पार्टी प्रभारी देवेंद्र यादव और महासचिव संगठन केसी वेणूगोपाल की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं. प्रीतम ने कहा कि दोनों नेताओं ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए उनके द्वारा किए गए भितरघात को जिम्मेदार करार दिया है, जबकि उन्होंने कोई भीतरघात नहीं किया है. प्रीतम सिंह ने पूरे आरोपों की निष्पक्ष जांच की भी मांग की है. प्रीतम ने तो प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के ऐलान के ठीक बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर राजनीति को और ज्यादा गरमा दिया है. यहां तक कि राजनीतिक गलियारों में प्रीतम के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने की चर्चा भी गर्म होने लगी है.
कांग्रेस से 10 विधायक नाराज कांग्रेस में नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष का ऐलान के बाद हंगामा खड़ा हो गया. मंगलवार दिन भर खबरें तैरती रहीं कि कांग्रेस में 6 से 10 विधायक नाराज़ हैं और बुधवार को देहरादून में बैठक कर सकते हैं. हालांकि बैठक को लेकर किसी विधायक का कोई बयान नहीं आया.
यशपाल आर्य बोले- मुझे पद की लालसा नहीं नेता विपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि उन्हें इस तरह की नाराजगी नहीं लगती और अगर किसी को उनके नेता विपक्ष बनाए जाने से नाराजगी है, तो ये फैसला हाई कमान का है. उन्हें कोई पद की लालसा नहीं है. कांग्रेस में अबतक बड़े नेता हाई कमान के फैसले को सिर आंखों पर रखते थे, लेकिन नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष को लेकर हाई कमान ने जो फैसला लिया, वो फैसला पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष के गले नहीं उतर रहा. गोदियाल हों या प्रीतम, खुद को नज़र अंदाज़ किए जाने से नाराज़ हैं.
ये विधायक बताए जा रहे नाराज
प्रीतम के साथ ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, भगवानपुर से विधायक ममता राकेश, चंपावत से विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, धालचूला से विधायक हरीश धामी, द्वाराहाट से विधायक मदन बिष्ट, पिथौरागढ़ से विधायक मयूख महर, अल्मोड़ा से विधायक मनोज तिवारी, बदरीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी भी नाराज बताए जा रहे हैं. सभी नेताओं की नाराजगी की अलग-अलग वजह सामने आ रही है.

Author: News Aap Tak
Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)