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खींचतान में डटे हैं,देहरादून में बीजेपी-कांग्रेस के प्रत्याशी ,
देहरादून: दस विधानसभा सीट वाले देहरादून जिले में टिकटों की खींचतान में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही आसपास दिख रहे हैं। दोनों ही पार्टियों में चार-चार सीटों पर टिकट के लिए दावेदारी लगभग स्पष्ट हो चुकी है। बाकी की छह सीटों पर खींचतान जारी है। रायपुर, मसूरी, विकासनगर और ऋषिकेश सीट पर टिकट वितरण को लेकर भाजपा कुछ हद तक सुकून में दिख रही है।
बाकी में उसे खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। कांग्रेस पर निगाह डालें तो धर्मपुर, राजपुर रोड, विकासनगर और चकराता सीट पर कोई पसोपेश नहीं दिख रही, लेकिन अन्य छह सीटों पर दावेदारों की लंबी सूची पार्टी की चुनौती को बढ़ा रही है।
रायपुर: गड़बड़ाया कांग्रेस का गणित
रायपुर सीट पर कांग्रेस के लिए अब तक टिकट का गणित आसान दिख रहा था और पिछले चुनाव में प्रत्याशी रह चुके प्रभुलाल बहुगुणा ही टिकट की दौड़ में खुद को आगे पा रहे थे। लेकिन, इस सीट पर अचानक हीरा सिंह बिष्ट की सक्रियता ने पार्टी की माथापच्ची बढ़ा दी है। डोईवाला सीट पर हरक सिंह रावत को कांग्रेस से टिकट मिलने चर्चाओं के बीच हीरा को रायपुर शिफ्ट करने की अटकल लगाई जा रही हैं। भाजपा में यहां मौजूदा विधायक उमेश शर्मा काऊ ही टिकट के प्रबल दावेदार दिख रहे हैं। इस लिहाज से पार्टी टिकट वितरण को लेकर किसी प्रकार के टेंशन में नहीं दिखती।
डोईवाला: भाजपा-कांग्रेस दोनों में असमंजस
डोईवाला सीट पर टिकट को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों में असमंजस की स्थिति है। भाजपा से निकाले जाने के बाद अब हरक सिंह रावत को कांग्रेस से डोईवाला सीट पर उतारे जाने की चर्चा है। हालांकि अभी हरक को विधिवत तौर पर कांग्रेस में एंट्री नहीं मिली है। अगर समीकरण ऐसे बनते हैं तो कांग्रेस के लिए यहां अन्य दावेदारों पूर्व विधायक हीरा सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष गौरव चौधरी और जिला पंचायत सदस्य हेमा पुरोहित को मनाना चुनौती होगी। इस सीट पर भाजपा की ऊहापोह भी कम नहीं है। वैसे तो पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत यहां स्वाभाविक तौर पर प्रबल दावेदार हैं, लेकिन पार्टी के भीतर इस सीट को दूसरी कई संभावनाओं पर मंथन चल रहा है। ऐसे में पार्टी अभी यहां वेट एंड वाच की स्थिति में आगे बढ़ रही है।
ऋषिकेश: भाजपा सुकून में, कांग्रेस में खींचतान
ऋषिकेश विधानसभा सीट पर तीन बार चुनाव जीत चुके विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भाजपा में टिकट के प्रबल दावेदार हैं। हालांकि, नगर निगम की महापौर अनीता ममगाईं समेत अन्य नेता भी दौड़ में हैं, मगर पार्टी इसको लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है। कांग्रेस में पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर ङ्क्षसह सजवाण, दो बार प्रत्याशी रहे राजपाल खरोला सहित एक दर्जन नेता टिकट के दावेदार हैं। दावेदारों में अधिकांश कांग्रेस में अलग-अलग खेमों से हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए किसी एक नाम पर मुहर लगाना किसी चुनौती से कम नहीं है।
राजपुर रोड आरक्षित सीट को लेकर कांग्रेस सुकून में है। यहां कांग्रेस में पूर्व विधायक राजकुमार की दावेदारी को खास चुनौती मिलती नहीं दिख रही है। इस सीट पर भाजपा जरूर असमंजस में है। वैसे तो वर्तमान विधायक खजानदास यहां से टिकट के लिए प्रबल दावेदार हैं, लेकिन पूर्व प्रत्याशी रविंद्र कटारिया का नाम भी पैनल में शामिल है। पार्टी के भीतर इस सीट को लेकर दूसरी संभावनाओं पर भी मंथन चल रहा है। ऐसे में पार्टी यहां भी वेट एंड वाच की स्थिति में आगे बढ़ रही है।
मसूरी: भाजपा में तस्वीर साफ, कांग्रेस में ऊहापोह
यहां भाजपा में टिकट को लेकर खींचतान जैसी कोई स्थिति नहीं है। हां, मौजूदा विधायक गणेश जोशी के साथ ही दो अन्य दावेदारों के नाम पैनल में शामिल हैं, लेकिन टिकट फाइनल करने को लेकर पार्टी में किसी तरह की दुविधा नहीं दिख रही है। कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। कांग्रेस में यहां से पूर्व प्रत्याशी गोदावरी थापली के साथ जोत सिंह गुनसोला और दीप चौहान ने दावेदारी ठोकी है।
धर्मपुर: कांग्रेस सुकून में, भाजपा के लिए टिकट बना चुनौती
देहरादून जिले की सर्वाधिक मतदाता वाली धर्मपुर सीट पर टिकट को लेकर कांग्रेस सब कुछ शांत सा नजर आ रहा है। पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल कांग्रेस के प्रबल दावेदार दिख रहे हैं। उनकी दावेदारी को फिलहाल कोई चुनौती भी देता नहीं नजर आ रहा है। इधर, भाजपाई खेमे में बेचैनी दिख रही है। वैसे तो भाजपा में यहां से वर्तमान विधायक विनोद चमोली स्वाभाविक रूप से टिकट के प्रबल दावेदार हैं, मगर अन्य दावेदारों का रुख पार्टी की टेंशन का कारण बना हुआ है।
सहसपुर: भाजपा और कांग्रेस दोनों में तस्वीर साफ नहीं
सहसपुर सीट पर टिकट को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में तस्वीर अभी साफ नहीं है। भाजपा में वैसे तो दो बार के विधायक सहदेव सिंह पुंडीर टिकट के प्रबल दावेदार हैं, मगर अन्य नेताओं की दावेदारी भी मजबूत है। ऐसे में पार्टी को किसी एक नाम पर मुहर लगाने के लिए खासी मेनहत करनी पड़ रही है। कांग्रेस में स्थिति और भी पेचीदा है। यहां से कांग्रेस के कई नेता टिकट के लिए ताल ठोक रहे हैं। लिहाजा, कोई भी निर्णय लेने के लिए पार्टी तमाम पहलुओं पर मंथन जारी रखे हुए है।
विकासनगर: सुकून में दोनों दल
इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में टिकट को लेकर खींचतान नहीं दिख रही। भाजपा से मौजूदा विधायक मुन्ना सिंह चौहान टिकट के प्रबल दावेदार दिख रहे हैं। पूर्व विधायक कुलदीप कुमार भी दावेदारों में शामिल है, लेकिन पार्टी को किसी एक नाम पर मुहर लगाने के लिए बहुत माथापच्ची की शायद ही जरूरत पड़े। कांग्रेस से पूर्व मंत्री नवप्रभात टिकट की दौड़ में हैं। उन्हें चुनौती देने के लिए कोई कद्दावर दावेदार यहां नहीं दिख रहा है, इस लिहाज से पार्टी कुछ हद तक सुकून महसूस कर रही है।
चकराता: कांग्रेस की तस्वीर साफ, भाजपा में धुंधलका
यहां कांग्रेस के समक्ष टिकट को लेकर चुनौती जैसी स्थिति नहीं दिख रही। कांग्रेस से मौजूदा विधायक प्रीतम सिंह टिकट के प्रबल दावेदार हैं। भाजपा में इस सीट पर असमंजस की स्थिति है। भाजपा में टिकट के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान समेत कई लोग ताल ठोक रहे हैं। सूरतेहाल पार्टी मंथन के दौर से गुजर रही है।
देहरादून कैंट में भाजपा और कांग्रेस में घमासान
चुनाव से ऐन पहले भाजपा नेता हरबंस कपूर के निधन से इस सीट पर टिकट को लेकर पार्टी मेहनत बढ़ गई है। वैसे तो भाजपा में हरबंस कपूर की पत्नी इस सीट पर टिकट की सबसे प्रबल दावेदार दिख रही हैं, लेकिन उनके अलावा यहां पार्टी से 18 दावेदार और हैं। दावेदारों की यह संख्या पार्टी की चुनौती को बढ़ा रही है। इधर, कई साल से इस सीट पर जीत तलाश रही कांग्रेस में भी टिकट वितरण को लेकर कम ऊहापोह नहीं है। कांग्रेस में भी यहां से टिकट के लिए घमासान है। प्रीतम और हरीश खेमा अलग-अलग नाम पर अड़ा है। देखते हैं दोनों ही दलों में लाटरी किसके नाम की खुलती है।

Author: News Aap Tak
Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)