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उत्तराखंड, निर्वाचन आयोग चुनावी रैलियों पर लगा सकता है पाबंदी…
दिल्लीः आठ जनवरी को निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया था। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने 15 जनवरी तक चुनावी रैलियों पर रोक लगा दी थी। अब सभी के मन में यह सवाल है कि क्या 15 जनवरी के बाद राजनीतिक दलों के नेता पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर रैली कर सकेंगे या नहीं।
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शुक्रवार को निर्वाचन आयोग ने जो संकेत दिए हैं उससे अगर देश पर कोरोना के मामले ऐसे ही बढ़ते रहे तो निर्वाचन आयोग पूरे विधानसभा चुनाव के दौरान रैलियों पर रोक लग सकता है। रैलियों पर रोक लगाने का आदेश आयोग आज या कल कर सकता है। इसके साथ आयोग की तरफ से तब कहा गया था कि 15 जनवरी से ठीक पहले कोरोना के हालात की समीक्षा की जाएगी, अगर हालात सुधरते हैं तो उसके मुताबिक फैसला लिया जाएगा। बता दें कि चुनाव आयोग की तरफ से पार्टियों और नेताओं को निर्देश दिया गया है कि वो डूर टू डोर कैंपेनिंग कर सकते हैं। साथ ही वर्चुअल तरीके से जनता तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं। कई पार्टियों ने ये कैंपेनिंग शुरू भी कर दी है। लेकिन यूपी जैसे राज्य में बिना रैलियों के चुनााव प्रचार कैसे किया जाए बड़े दल अब भी इसे लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं।
बता दें कि देश में हर दिन कोरोना के 2 लाख से अधिक केस आ रहे हैं। उससे संभावना बहुत ही कम है कि निर्वाचन आयोग 15 जनवरी के बाद रैलियों की परमिशन देगा। आज राजधानी लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की वर्चुअल रैली में उमड़ी भीड़ को देखते हुए चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है।

Author: News Aap Tak
Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)