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सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी की खबरें पढ़ते हैं, लेकिन इनसे सबक नहीं लेते।
दून के तीन युवकों ने इनसे सबक लिया होता तो आज उन्हें थाने के चक्कर न काटने पड़ते
कोरोना काल में बेरोजगारी चरम पर है, साथ ही जॉब के नाम पर ठगी के मामले भी बढ़े हैं। हम हर दिन सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी की खबरें पढ़ते हैं, लेकिन इनसे सबक नहीं लेते। अगर देहरादून के रहने वाले तीन युवाओं ने इन घटनाओं से सबक लिया होता तो उनके 9 लाख रुपये बच जाते, अपनी रकम वापसी के लिए उन्हें थाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। दरअसल इन तीनों युवाओं को कुछ लोगों ने विधानसभा में सहायक समीक्षा अधिकारी के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठग लिया। आरोपियों ने तीन युवकों से 9 लाख रुपये ठगे। पीड़ितों की शिकायत पर नेहरू कॉलोनी थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़ित यशपाल सिंह ने बताया कि 31 जुलाई 2021 को उसकी मुलाकात कारगी चौक निवासी प्रवेश खंडूरी से हुई। प्रवेश ने कहा कि विधानसभा में जॉब निकलने वाली है। उसकी राज्यपाल और ओएनजीसी के डायरेक्टर से अच्छी पहचान है। इसलिए वो आसानी से जॉब लगवा देगा।
यशपाल के हामी भरने पर प्रवेश ने उसकी मुलाकात अनिरुद्ध शर्मा नाम के युवक से कराई। अनिरुद्ध ने कहा कि वह 8 लोगों की जॉब लगवा सकता है। 1 महीने के भीतर नियुक्ति पत्र मिल जाएगा। हर आदमी के 10 लाख रुपये लगेंगे। आधी धनराशि जॉब लगने से पहले और आधी बाद में देनी होगी। यशपाल सिंह झांसे में आ गया। उसने भाई मोहन सिंह और उसके दोस्त अतुल रावत को भी तैयार कर लिया। तीनों ने जुलाई में रिश्तेदारों से उधार लेकर कुल 9 लाख रुपये आरोपियों को दे दिए, लेकिन सितंबर तक कोई नियुक्ति पत्र नहीं मिला। बाद में आरोपी प्रवेश और अनिरुद्ध टाल-मटोल करने लगे। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित यशपाल पुलिस की शरण में पहुंचा और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपियों प्रवेश खंडूड़ी और अनिरुद्ध शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है, मामले की जांच जारी है।

Author: News Aap Tak
Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)