न्यूज़ आपतक देहरादून
नैनीताल उत्तराखंड हाई कोर्ट ने चार धाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की कोर्ट ने चारों धाम में प्रतिबंध के साथ यात्रियों की निर्धारित संख्या से अधिक दर्शन करने वालों की संख्या पर लगी रोक को हटा दिया है कोर्ट के आदेश के बाद अब श्रद्धालु बे-रोकटोक चार धाम यात्रा के लिए जा सकेंगे कोर्ट ने साफ किया है कि शासन को कोबिट प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली है मंगलवार को मुख्य न्यायधीश , न्यायमूर्ति आर एस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुल करवा मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चार धाम यात्रा करने के लिए वह भीड़ को देखते हुए कहां की चार धाम यात्रा करने के लिए को भीड़ को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी लेकिन वर्तमान समय मैं प्रदेश में कोर्ट के केस ना के बराबर आ रहे हैं इसलिए चार धाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाए
महा अधिवक्ता द्वारा कोर्ट के सम्मुख यह भी कहा गया कि चारधाम यात्रा समाप्त होने में 40 दिन से कम का समय बचा हुआ है इसलिए जितने भी श्रद्धालु आ रहे हैं सबको दर्शन करने की अनुमति दी जाए जो श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने हेतु रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं वहां नहीं आ रहे हैं जिनके कारण स्थानीय लोगों पर रोजी-रोटी का खतरा उत्पन्न हो रहा है सरकार को कोर्ट ने पूर्व दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है चार धाम यात्रा में सभी सुविधाओं को उपलब्ध करा दिया गया है सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है की चार धाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या पर रोक हटाई जाए या फिर श्रद्धालुओं की संख्या तीन से चार हजार प्रतिदिन किया जाए जिसके बाद कोर्ट ने उक्त फैसला सुनाया बता दें कि पूर्व में कोर्ट ने चार धाम यात्रा के लिए प्रत्येक दिन केदारनाथ धाम में 800 बद्रीनाथ धाम में 1000 गंगोत्री धाम में 600 यमुनोत्री धाम में कुल 400 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी थी

Author: News Aap Tak
Chief Editor News Aaptak Dehradun (Uttarakhand)